वेटरनरी विश्वविद्यालय, बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा संचालित पशु विज्ञान केन्द्र, लूणकरणसर, बीकानेर में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) द्वारा प्रायोजित प्रदर्शन इकाई वितरण कार्यक्रम दिनांक 22 फरवरी, 2022 को आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने पशु विज्ञान केन्द्र पर नेपियर, अजोला, औषधीय पादप प्रदर्शन इकाईयों के साथ साथ प्रयोगशाला आदि का अवलोकन किया। पशुपालकों को सम्बोधित करते हुए कुलपति ने पशु विज्ञान केन्द्र को खोलने के राज्य सरकार के कदम को सराहा तथा पशुपालकों को विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा समय समय पर दिये जाने वाले प्रशिक्षणों में भाग लेने, ऑर्गेनिक खेती अपनाने एवं देशी नस्ल संवर्धन हेतु प्रोत्साहित किया। कुलपति ने पशुपालन में विविधकरण के लिए लूणकरणसर क्षेत्र में राठी गौवंश के साथ साथ बकरी पालन, मुर्गी पालन व डिग्गियों में मछली पालन के लिए प्रेरित किया ताकि पशुपालकों की आमदनी में वृद्धि हो सके। कार्यक्रम में श्री पुरखाराम, सदस्य प्रबंधन मंडल राजुवास ने पशुपालकों को एंटरप्रेन्योर बनने हेतु प्रेरित किया। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने विश्वविद्यालय एवं केंद्र की प्रसार गतिविधियों एवं पशुपालकों के आर्थिक विकास में योगदान पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उप परियोजना निदेशक (आत्मा) बीकानेर राजूराम जी डॉगीवाल ने आत्मा के उद्देश्यो, गतिविधियों और योजनाओं के बारे में बताया। कार्यक्रम को संचालित करते हुए प्रभारी अधिकारी डॉ. अमित चौधरी ने पशुपालकों को केन्द्र से जुड़कर उन्नत पशुपालन हेतु आग्रह किया। कार्यक्रम में 30 पशुपालकों को वैज्ञानिक विधि द्वारा बकरी पालन हेतु प्रदर्शन इकाईयों (फीड मेंजर) एवं राजुवास खनिज लवण मिश्रण का वितरण किया गया। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी पशुपालन विभाग डॉ. कुलदीप चौधरी, नेस्ले इंडिया से डॉ. राहुल जांगिड़, डॉ. भानु डांगी, डॉ. प्रमोद मोहता आदि ने शिरकत की।
15-03-2022: किसान मेले में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए
15-03-2022: आज चो. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेला ‘खरीफ’ में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी है कि इस मेले में मुझे किसानों व पशुपालकों से बात करने का अवसर मिला अब की बार कृषि मेले का विषय प्राकृतिक खेती रखा गया गया जी कि समय की मांग है । पशुपालक अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक कीटनाशक, रासायनिक खाद, हारमोंस व एंटीबायोटिक दवाओं का पशुओं एवं मुर्गी पालन में अनावश्यक प्रयोग कर रहे है । इससे हमारी पूरी भोजन श्रृंखला दूषित हो रही है । प्राकृतिक खाद तथा आर्युवेदिक दवाइयों का उपयोग करते हुए हम पशुपालन को इन हानिकारक रसायनों से मुक्त रखते हुए अपनी आमदनी बढ़ा सकते है। पशुपालकों की ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए लुवास में सर्वप्रथम पशु विज्ञान केंद्र कैथल जिले में शुरू किया है इसी मॉडल की देखा-देखी इस तरह के केंद्र अन्य राज्यों जैसे की बिहार आदि में भी शुरू हो गए है। लुवास ने अब तक 8 पशु-विज्ञान केंद्र व 7 पशु रोग निदान प्रयोगशालाए पशुओं के जल्दी उपचार हेतू ...