मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज भिवानी में आयोजित 38 वीं राज्य स्तरीय पशुधन प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए पशुपालन विभाग की दवाईयों का बजट दुगुना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नकली दूध बेचने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार के लिए और अधिक कार्यक्रम चलाए जाएंगे तथा पशुपालन को प्रोत्साहन देकर प्रदेश में बेरोजगारी को मिटाने व किसान की आय बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वयं किसान होने के नाते वह किसानों का दु:ख दर्द समझते हैं। जोत घटने से किसान की आय भी कम हो रही है। इसीलिए सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने मंच से ऐलान किया कि समस्याएं चाहे अनेक हों, उनका समाधान एक ही है - मनोहर लाल।
मुख्यमंत्री ने किसानों से रासायनिक खाद व कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने की अपील करते हुए कहा कि जल्दी ही सरकार जीरो बजट खेती पर एक बड़े सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। कृषि क्षेत्र को वैज्ञानिक व नई तकनीक से जोडक़र किसान का खर्च घटाया जा सकता है। इसके अलावा हम गौ पालन कर उसके गोबर की खाद, गौमूत्र का प्रयोग कर भूमि को उर्वरा बना सकते हैं। जीरो बजट खेती की अवधारणा मजबूत करने के लिए सरकार सक्रिय अभियान शुरू करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि किसान की आमदनी में वृद्धि के लिए कृषि के सहायक व्यवसायों जैसे मधुमक्खी पालन, डेयरी, मशरूम उत्पादन आदि को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक ऋण व अनुदान योजनाएं चलाई जा रही हैं। युवाओं को इन योजनाओं से जोडक़र बेरोजगारी को दूर करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार ऋण योजनाओं का सदुपयोग करने की बजाय उनका दूसरे कार्य में प्रयोग किया जाता है। जबकि ऋण मिलने के बाद होने वाली कमाई से लोन को चुकाया जाए तो बैंक उस लाभार्थी को और अधिक राशि का ऋण मंजूर कर सकता है। उन्होंने कहा कि नशे की गर्त में जाकर कोई भी आदमी अपने परिवार की आर्थिक हालत को खराब ना करे, अपितु अपनी मेहनत की कमाई से लोन की अदायगी कर सरकार की स्वरोजगार योजनाओं का लाभ उठाए।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वरोजगार से युवाओं को जोडऩे की पहल की है। इसमें पशुपालन एक कारगर व्यवसाय के रूप में उभर कर सामने आया है। अभी जो अंत्योदय परिवारों के लिए मेले लगाए गए, उनमें 38 हजार आवेदनों में से 23,500 आवेदन पशुपालन डेयरी के लिए आए हैं।
इससे पूर्व कृषि मंत्री श्री जेपी दलाल ने कहा कि पशुधन प्रदर्शनी का सफल आयोजन कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद किया गया है। इसे हर साल आयोजित किया जाएगा। किसानों और पशुपालकों ने इस मेले को लेकर पूरा उत्साह दिखाया है। दो हजार बेहतर नस्ल के पशु इस मेले में लाए गए। जिनको देखकर अन्य किसानों को भी अपने पशु का खान-पान और नस्ल सुधार करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पशुपालन विभाग की ओर से एंबुलेंस सेवा के लिए 70 मोबाइल वैन शुरू की जाएंगी। उनका विभाग कृत्रिम गर्भाधान की विधि बकरियों के लिए भी आरंभ करने जा रहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री को एक सच्चा किसान हितैषी बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। समारोह में सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि खेलों में पदक, सेना में रहकर सीमा की रक्षा के अलावा आज यह मेला देखकर एहसास हुआ कि पशुपालन में भी हरियाणा का किसान मजबूत है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जो किसान जैविक खेती करता है, उसको दस हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाए।
मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम पशु प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऊंट की सवारी कर उपस्थित भीड़ का अभिवादन किया।
कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल, पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन श्री रणधीर सिंह गोलन, विधायक घनश्याम दास सर्राफ, विधायक श्री जोगीराम सिहाग, विधायक श्री बिशंभर वाल्मिकी, गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्री श्रवण गर्ग, लुवास हिसार के कुलपति श्री विनोद वर्मा, चौ. चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री बीआर कंबोज, पशुपालन विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव श्री पंकज अग्रवाल सहित अनेक अधिकारी व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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