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25-03-2022: लुवास द्वारा अनुसूचित जाति के किसानों के लिए पशु स्वास्थ्य में कौशल विकास पर निःशुल्क प्रशिक्षण का समापन

लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के पशुचिकित्सा सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मुंह-खुर रोग अनुसंधान केंद्र एवं विस्तार शिक्षा निदेशालय, लुवास द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- खुरपका मुंहपका रोग निदेशालय, मुक्तेश्वर, उत्तराखंड के सौजन्य से “अनुसूचित जाति के किसानों के लिए पशु स्वास्थ्य में कौशल विकास” पर इसके पहले चरण में ग्राम गंगवा और किरमारा, जिला हिसार तथा गांव रामराय, जींद में 21-25 मार्च 2022 पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें 25 मार्च शुक्रवार को समापन समारोह आयोजित किया इस समारोह में मुख्य अतिथियों के रूप में विश्वविद्यालय से ग्राम रामराय, जिला जींद में विस्तार शिक्षा निदेशक  डॉ. डी.एस. दहिया व कोर्स समन्वयक डॉ. अंशुल लाठर, ग्राम किरमारा जिला हिसार में मुख्य अतिथि डीन पी.जी.एस. डॉ. जे.बी. फोगाट व कोर्स समन्वयक डॉ. महावीर सिंह और डॉ. संजीवना व जिला हिसार के गवर्नमेंट वेटरनरी हॉस्पिटल में मुख्य अतिथि डी.डी. डॉ. श्रीभगवान, एस.डी.ओ. डॉ. रविन्द्र कौशिक व कोर्स निदेशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. एन.के. कक्कड़, कोर्स समन्यवक डॉ. स्वाति दहिया और डॉ. अनीता दलाल मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
     विभिन्न स्थानों पर समापन समारोह में उपस्थित सभी मुख्य अतिथियों ने आज के युग में संक्रामक बीमारियों के प्रसार और उनसे बचाव के तरीके साझा किए। उन्होंने पशुओं में होने वाले संक्रामक रोगों जैसे मुंह-खुर रोग के निदान और उपचार के महत्व को समझाया। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षुओं को पशुओं में टीकाकरण के महत्व, स्वयं सहायता समूह और पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न वित्तीय योजनाओं के बारे में बताया व प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
  विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम के निदेशक डॉ. नरेश कक्कड़ ने बताया कि यह कोर्स का पहला चरण था इस चरण में ग्राम गंगवा और किरमारा, जिला हिसार तथा गांव रामराय, जिला जींद में  21   से 25 मार्च 2022 तक आयोजित इस कोर्स में अनुसूचित जाति के 120 प्रगतिशील किसान / महिला उद्यमी / ग्रामीण युवाओं ने प्रशिक्षण लिया है । ग्रामीण आँचल में पशुपालन के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए लुवास के कुलपति डॉ विनोद कुमार वर्मा के निर्देशन में इन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कोर्स कार्यक्रमों के दौरान प्रशिक्षुओं को थनैला, मुँह-खुर रोग, गलघोटू, ब्रुसेल्ला, सुकर ज्वर, चेचक, सर्रा तथा अन्य संक्रामक रोगों का नियंत्रण और रोकथाम की जानकारी प्रदान की गई। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य महिला एवं युवा पशुपालक उद्यमियों के कौशल में सुधार लाना है। इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे प्रशिक्षुओं ने गाय, भैंस, बकरी, भेड़, तथा सुअरों के पालन में आ रही समस्याओं के निवारण के लिए लुवास के विभिन्न विभागों के वैज्ञनिकों से जानकारी ली।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. धर्मबीर दहिया ने टीम की निरंतर प्रतिबद्धता की सराहना की। इस पाठ्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- खुरपका-मुंहपका रोग निदेशालय, मुक्तेश्वर, उत्तराखंड द्वारा वित्त पोषित किया गया है। इस समारोह में लुवास के विभिन्न विभागों के शिक्षक, ग्रामीण युवक, युवतियां एवं पशुपालक भी उपस्थित रहे।

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