Skip to main content

पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर में फिल्ड पशुचिकित्सकों के लिये पाँच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

पी.जी.आई.वी.ई.आर., जयपुर में फिल्ड पशुचिकित्सकों के लिये पाँच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
जयपुर, 11 मार्च। स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर एवं पशुपालन विभाग, राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में फिल्ड पशुचिकित्सकों के लिए ’’पशुओं में रोग निदान एवं नियंत्रण तकनीक’’ विषय पर 07-11 मार्च, 2022 तक पाँच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शुक्रवार को आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र में प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) संजीता शर्मा ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह पशुचिकित्सा के क्षेत्र में भी नित्य प्रतिदिन नवाचार हो रहे हैं तथा उन्नत तकनीकों का विकास हो रहा है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पशुचिकित्सकों को इन नई जानकारियों और तकनीकों से अवगत कराकर उनके ज्ञान और कौशल में वृद्धि हो सकेगी जिससे वे पशुओं का बेहतर इलाज कर सकेंगे। कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त करते हुए बताया कि इन पाँच दिनों में उन्हें पशुचिकित्सा की नवीन जानकारियों एवं तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की गई जिसका उपयोग वे अपने कार्य क्षेत्र में पशुओं के सफल इलाज में करेंगे। 
प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि भारत सरकार की एस्केड परियोजना के अन्तर्गत इस प्रशिक्षण में पशुपालन विभाग के जयपुर, भरतपुर, अलवर, दौसा, सीकर, झुन्झुनू, करौली तथा सवाईमाधोपुर जिलों के 20 पशुचिकित्सकों ने भाग लिया। इस पाँच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में विषय विशेषज्ञों द्वारा पशुओं में गाइनेकोलॉजिकल रोगों का निदान, नैदानिक साइटोपेथौलॉजी, विभिन्न नमूनों को एकत्र एवं जाँच हेतु भेजने के तरीके, पोस्टमार्टम जाँच, मेटाबोलिक रोगों से बचाव, कैन्सर निदान, थनैला रोगों की जाँच तकनीक, रोग जाँच की बायोटेक्नोलॉजीकल तकनीक, पीपीआर की जाँच तकनीक आदि विषयों पर 23 व्याख्यान के साथ-साथ संस्थान, पुस्तकालय, क्लिनिक्स तथा प्रयोगशालाओं के भ्रमण आयोजित किये गये। प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरीत किये गये। डॉ. मनीष अग्रवाल तथा डॉ. बिन्सी जोसफ इस प्रशिक्षण शिविर के सहायक प्रशिक्षण समन्वयक थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बिन्सी जोसफ तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संदीप कुमार शर्मा ने किया।

Popular posts from this blog

15-03-2022: किसान मेले में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए

15-03-2022: आज चो. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेला ‘खरीफ’ में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी है कि इस मेले में मुझे किसानों व पशुपालकों से बात करने का अवसर मिला अब की बार कृषि मेले का विषय प्राकृतिक खेती रखा गया गया जी कि समय की मांग है । पशुपालक अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक कीटनाशक, रासायनिक खाद, हारमोंस व एंटीबायोटिक दवाओं का पशुओं एवं मुर्गी पालन में अनावश्यक प्रयोग कर रहे है । इससे हमारी पूरी भोजन श्रृंखला दूषित हो रही है । प्राकृतिक खाद तथा आर्युवेदिक दवाइयों का उपयोग करते हुए हम पशुपालन को इन हानिकारक रसायनों से मुक्त रखते हुए अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।  पशुपालकों की ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए लुवास में सर्वप्रथम पशु विज्ञान केंद्र कैथल जिले में शुरू किया है इसी मॉडल की देखा-देखी इस तरह के केंद्र अन्य राज्यों जैसे की बिहार आदि में भी शुरू हो गए है। लुवास ने अब तक 8 पशु-विज्ञान केंद्र व 7 पशु रोग निदान प्रयोगशालाए पशुओं के जल्दी उपचार हेतू ...

23-02-2022: लुवास में पशुपालक सम्मेलन का आयोजन

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा नाबार्ड के सौजन्य से आज महिला पशुपालक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती दीपा गुहा मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के रुप में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र निदेशक डॉ यशपाल शर्मा रहे, लुवास के कुलसचिव व अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल, पशुचिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. वी.के.जैन, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर डॉ. जगतबीर फोगाट, पूर्व विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एस. श्योकंद व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे । मुख्य अतिथि महाप्रबंधक नाबार्ड श्रीमती दीपा गुहा ने इस अवसर पर बताया कि नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान में निरंतर कार्यरत है और ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान के लिए महिलाओं का उत्थान अत्यंत आवश्यक है इसके लिए हम प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के साथ- साथ उन्हें विभिन्न उद्योगों को शुरू करवाने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं और महिला स्वंय सहायता समूह को भी बढ़ावा देते हैं और उन्हें आर्थिक सहायता के साथ- साथ उन्हें प्रशिक्षण एवं भ...

पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनोद कुमार जैन ने किया एनिमल बायोटेक्नोलॉजी के 21 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ

 लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशुचिकित्सा कॉलेज के एनिमल बायोटेक विभाग द्वारा 26 मार्च से 15 अप्रैल तक ‘पेप्टाइड संश्लेषण और आणविक जीव विज्ञान में तकनीक" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विनय जोशी ने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 33 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके है जिनके द्वारा लगभग 400 वैज्ञानिक एवं शोध छात्रों को बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 13 वैज्ञानिक, जी.जे.यू., एम.डी.यू व लुवास द्वारा संचालित बाहरी केन्द्रों से वैज्ञानिक भाग ले रहे है। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी.के. जैन ने कहा कि आज के समय में बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में शोध की आवश्यकता बन चुकी है । उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रैक्टिकल ज्ञान होना बहुत आवश्यक है तथा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रैक्टिकल के लिए ज्यादा समय रखा गया है । उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्...