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27 मई शुक्रवार को लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय में 34 वी राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत हुई |

27 मई शुक्रवार को लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय  में इंडियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट और संक्रामक रोगों की 34 वी राष्ट्रीय कार्यशाला की शुरुआत हुई | इस अवसर पर कुलपति लुवास डॉ. विनोद कुमार वर्मा मुख्य अतिथि  एवं  कुलपति  हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय डॉ. बी.आर. कम्बोज विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे | कार्यशाला के आरम्भ में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवम डॉ. राजेश छाबड़ा द्वारा दोनों कुलपतियों, पूर्व कुलपति डॉ. गया प्रसाद एवं आंगतुकों का कार्यशाला में स्वागत किया | इस अवसर पर माननीय अतिथियों द्वारा सेमिनार पर प्रकाशित की गई पुस्तक का विमोचन भी किया गया |
इस अवसर पर पूर्व कुलपति डॉ. गया प्रसाद को पी.जी. पाण्डेय मेमोरियल अवार्ड दिया गया | डॉ. गया प्रसाद कुलपति के साथ- साथ आई.वी.आर.आई. के निदेशक, ऐ.डी.जी. ( एनिमल हेल्थ) आई.सी.ए.आर. भी रह चुके है | प्रोफेसर डी.के. शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया | 
वर्ष 2021 के लिए डॉ. हरी मोहन सक्सेना एवं 2022 के लिए डॉ. नरेश कक्कड़ एवं डॉ. एस. एस. पाटिल को फैलोशिप देकर सम्मानित किया गया | 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति लुवास डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने कहा कि कार्यशाला का विषय काफी अच्छा है | उन्होंने इस क्षेत्र में प्रगति का उदहारण देते हुए कहा कि हरियाणा में मुंह-खुर एवं गलघोटू बीमारी का संयुक्त टीकाकरण 2019 में प्रयोगात्मक रूप में शुरू किया गया | इसकी वैज्ञानिक समीक्षा के बाद यह योजना पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है | उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी तथा सभी मेहमानों को विश्वास दिलाया कि लुवास उनकी इस कार्यशाला को यादगार बनाने के हर संभव प्रयास करेगा |
कार्यशाला को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि कुलपति डॉ. बी.आर. कम्बोज ने कहा कि किसान की आर्थिक रूप से प्रगति कृषि वैज्ञानिकों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए | कोरोना काल के बाद इसकी आवश्यकता और बढ़ गई है | आज हमें फील्ड में किसानों के सामने आने वाली समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान तलाशना चाहिए | उन्होंने उम्मीद जताई कि कार्यशाला की सिफारिशों पर अमल करने से पशु स्वास्थ्य में सुधार होगा |
कार्यक्रम के अंत में डॉ. नरेश कक्कड़ विभागाध्यक्ष पशु सूक्षमजीव विज्ञान, लुवास ने सभी आगुन्तकों के प्रति धन्यवाद प्रकट किया | इस अवसर पर सोसाइटी के पैटर्न डॉ. पी.के. उप्पल, उप प्रधान डॉ अशोक कुमार, ऐ डी जी (पशु स्वास्थ्य ) ICAR,  डॉ नरेश जिंदल, अनुसंधान निदेशक, लुवास, डॉ. प्रवीण मलिक, आयुक्त भारत सरकार, डॉ ज्योति मिसरी, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मुख्यालय एवं सोसाइटी के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे |

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