28 मई शनिवार को लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय में इंडियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजिस्ट, इम्यूनोलॉजिस्ट और संक्रामक रोगों की 34 वीं राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन किया गया।
इस कार्यशाला का मुख्य विषय ‘पशु एवं पोल्ट्री के स्वास्थ्य में सुधार के लिए वर्तमान में किये जा रहे वैक्सीन के प्रयोग’ पर था ।इस कार्यशाला में देश से 224 वैज्ञानिकों एवं शोध छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यशाला में अलग- अलग सत्रों में अलग- अलग विषयों पर 6 सत्र आयोजित किये गये जिसमें हर सत्र से 3 ओरल प्रेजेंटेशन के प्रतिभागियों एवं 3 पोस्टर के प्रतिभागियों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम का मुख्य समापन समारोह आज दोपहर बाद पशुचिकित्सा महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष पशु सूक्षमजीव विज्ञान, लुवास डॉ. एन के कक्कड़, सोसाइटी के पैटर्न डॉ. पी.के. उप्पल, उप प्रधान एवं ऐ.डी. जी. (पशु स्वास्थ्य) ICAR डॉ. अशोक कुमार, अनुसंधान निदेशक, लुवास डॉ नरेश जिंदल, आयुक्त भारत सरकार डॉ. प्रवीण मलिक, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मुख्यालय डॉ ज्योति मिसरी एवं सोसाइटी के पदाधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला का संचालन वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. राजेश छाबड़ा द्वारा किया गया। समापन समारोह में डॉ. कनिष्ठ बत्रा एवं डॉ. ऋचा अरोड़ा को यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया।इसी प्रकार डॉ. एम.एल. कुलकर्णी अवार्ड डॉ. जसलीन कौर एवं डॉ. आदर्श मिश्रा को प्रदान किया गया ।
इस अवसर पर बोलते हुए अनुसंधान निदेशक एवं अधिष्ठाता डेयरी साइंस कॉलेज डॉ. नरेश जिंदल ने कहा कि बदलते समय में हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है और जो बीमारियां पैदा करते है उन जीवाणुओं व विषाणुओं की शीघ्र पहचान करके उनके निदान का तरीका खोजना है जिससे कि हम पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार कर सकें । उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कार्यशाला के माध्यम से देश के विभिन्न भागों के वैज्ञानिकों को अपने विचारों के आदान प्रदान का मौका मिला है तथा यह कार्यशाला राष्ट्र एवं प्रदेश के पशु-स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध होगी।
कार्यशाला के अंत में डॉ. नरेश कक्कड़ विभागाध्यक्ष पशु सूक्षमजीव विज्ञान, लुवास ने सभी आगुन्तकों एवं कुलपति लुवास डॉ. विनोद कुमार वर्मा जी के मार्गदर्शन एवं सभी अधिकारीयों एवं कर्मचारियों के सहयोग के प्रति धन्यवाद प्रकट किया तथा उपस्थित प्रतिभागियों को कहा कि विश्वविद्यालय आगे भी उनकें सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।