लुवास के कुलपति डॉ विनोद कुमार वर्मा ने डॉ सुरेश कुमार मित्तल सहित लुवास के नए कैंपस का दौरा किया। डॉ सुरेश मित्तल अमेरिका की परड्यू विश्वविद्यालय के अत्यंत सम्मानित वैज्ञानिक हैं, तथा इस समय कोरोना की नई वैक्सीन बनाने के लिए महत्वपूर्ण रिसर्च कर रहे हैं । डॉ. मित्तल विभिन्न जूनोटिक बीमारियों पर पिछले 35 सालों से कई अनुसंधान परियोजनायें पर काम कर चुके हैं, तथा अनेक अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके कार्य की प्रशंसा की गई है। डॉ मित्तल लुवास में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ वेटरनरी माइक्रो बायोलॉजिस्ट इम्यूनोलॉजिस्ट और संक्रमण विशेषज्ञों की 34 वी कार्यशाला में मुख्य वक्ता के तौर पर आए हुए हैं ।
लुवास के कुलपति डॉ. वर्मा ने उन्हें बताया कि प्रशासनिक भवन, रोड नेटवर्क, डेयरी साइंस कॉलेज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। लुवास के नए कैंपस में बनी हुई अंतरराष्ट्रीय सत्र की भ्रूण स्थानांतरण तकनीक प्रयोगशाला के निरीक्षण के दौरान कुलपति डॉ. वर्मा ने बताया कि राज्य में गरीब किसान कम दूध देने वाली गायों को पाल रहे हैं। इस तकनीक से वे अपने पशु/झुंड को उच्च दूध देने वाली देशी गायों से बदल सकते हैं। पहले चरण में लुवास साहिवाल भ्रूण के विकास के साथ काम कर रहा है और बाद में हरियाणा गायों और मुर्रा भैंसों के साथ काम करने की योजना बना रहा है। लुवास इस तकनीक को हरियाणा के हर कोने में पशुपालकों के पास शीघ्र अति शीघ्र पहुंचाने के लिए प्रयासरत है ।
डॉ सुरेश मित्तल ने लुवास में बन रही बनी हुई इस प्रयोगशाला तथा प्रयोगात्मक पशु ग्रह में अत्याधिक रूचि दिखाई । डॉ सुरेश मित्तल ने लुवास में बन रही इन अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रशासनिक भवन तथा प्रयोगशालाओं को देखते हुए कहा कि लुवास में बन रही यह इमारतें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तथा आने वाले समय के हिसाब से बन रही है, और उम्मीद है की इस इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से लुवास के वैज्ञानिक आने वाले समय में कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में लुवास विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय उत्तर के संस्थान के रूप में विकसित कर पाएंगे ।