नवानियां, 25 जून। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानियां, वल्लभनगर में आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से उदयपुर जिले की 35 महिला पशुपालकों ने महाविद्यालय की विभिन्न इकाइयों, लाइव्स्टाक फार्म और पशुधन फार्म संकुल का भ्रमण कर वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन और उत्पादन की जानकारी ली। प्रशिक्षण के दौरान महिला पशुपालकों ने पशु स्वास्थ्य, स्वच्छ दूध उत्पादन, डेयरी उत्पाद प्रसंस्करण, उन्नत पशु नस्ल और पशु चिकित्सा से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. (डॉ.) एस. सी. गोस्वामी ने महिला पशुपालकों को साइंटिफिक फीडिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साइंटिफिक मैनेजमेंट को अपनाकर पशुपालक अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। महाविद्यालय अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) राजीव कुमार जोशी ने सभी पशुपालकों को महाविद्यालय में स्थित पशुधन फार्म संकुल, पशुचिकित्सा संकुल सहित विभिन्न इकाइयों का भ्रमण कर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम कि इस कड़ी में महाविद्यालय के डॉ. टीकम गोयल ने एनिमल हसबेंडरी के चार स्तंभ ब्रीडिंग, फीडिंग, मैनेजमेंट और हेल्थ केयर के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय डॉ. अनीता राठौर, डॉ. करिश्मा राठौर भी उपस्थित रहेl
लाला लाजपत राय विश्वविद्यालय के पशु प्रसूति शास्त्र व प्रसूति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक, डॉ रविदत्त ने उदयपुर में हाल ही आयोजित २२वीं भारतीय वेटरनरी कांग्रेस, इंडियन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ वेटरनरी रिसर्च की 39वीं वार्षिक सम्मेलन व राष्ट्रीय संगोष्ठी में उनके अनुसंधान कार्य के लिए सर्वश्रेष्ट मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतीकरण के लिए सर्वश्रेष्ठ मौखिक और सर्वश्रेष्ठ पोस्टर का पुरस्कार जीता। `राजस्थान पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा उदयपुर में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में "पशु चिकित्सा और सार्वजनिक स्वास्थ्य और उनके कल्याण की बेहतरी के लिए एक स्वास्थ्य में योगदान" के विषय पर 27 वैज्ञानिकों ने सम्मेलन में मौखिक सेशन में अपना शोध प्रस्तुत किया। जिसमें डॉ. रविदत्त ने शुक्राणु माइटोकॉन्ड्रियल लक्षित एंटीऑक्सीडेंट को जोड़कर क्रायोप्रिजर्वेशन के दौरान भैंसों में वीर्य की गुणवत्ता में सुधार पर अपने काम के लिए सर्वश्रेष्ठ मौखिक शोध पुरस्कार प्राप्त किया। यह शोध कार्य उनके स्नातकोत्तर विद्यार्थी डॉ. अर्जुन की मास्टर डिग्री के शोध में डॉ धर्मेंद्र कुमार , डॉ. प्रदीप कुमार क...