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25-06-2022: नवानीया, राजुवास में पशुपालको के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

नवानियां, 25 जून। पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानियां, वल्लभनगर में आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से उदयपुर जिले की 35 महिला पशुपालकों ने महाविद्यालय की विभिन्न इकाइयों, लाइव्स्टाक फार्म और पशुधन फार्म संकुल का भ्रमण कर वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन और उत्पादन की जानकारी ली। प्रशिक्षण के दौरान महिला पशुपालकों ने पशु स्वास्थ्य, स्वच्छ दूध उत्पादन, डेयरी उत्पाद प्रसंस्करण, उन्नत पशु नस्ल और पशु चिकित्सा से संबंधित जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. (डॉ.) एस. सी. गोस्वामी ने महिला पशुपालकों को साइंटिफिक फीडिंग के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि साइंटिफिक मैनेजमेंट को अपनाकर पशुपालक अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। महाविद्यालय अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) राजीव कुमार जोशी ने सभी पशुपालकों को महाविद्यालय में स्थित पशुधन फार्म संकुल, पशुचिकित्सा संकुल सहित विभिन्न इकाइयों का भ्रमण कर अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम कि इस कड़ी में महाविद्यालय के डॉ. टीकम गोयल ने एनिमल हसबेंडरी के चार स्तंभ ब्रीडिंग, फीडिंग, मैनेजमेंट और हेल्थ केयर के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय डॉ. अनीता राठौर, डॉ. करिश्मा राठौर भी उपस्थित रहेl

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15-03-2022: किसान मेले में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए

15-03-2022: आज चो. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेला ‘खरीफ’ में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी है कि इस मेले में मुझे किसानों व पशुपालकों से बात करने का अवसर मिला अब की बार कृषि मेले का विषय प्राकृतिक खेती रखा गया गया जी कि समय की मांग है । पशुपालक अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक कीटनाशक, रासायनिक खाद, हारमोंस व एंटीबायोटिक दवाओं का पशुओं एवं मुर्गी पालन में अनावश्यक प्रयोग कर रहे है । इससे हमारी पूरी भोजन श्रृंखला दूषित हो रही है । प्राकृतिक खाद तथा आर्युवेदिक दवाइयों का उपयोग करते हुए हम पशुपालन को इन हानिकारक रसायनों से मुक्त रखते हुए अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।  पशुपालकों की ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए लुवास में सर्वप्रथम पशु विज्ञान केंद्र कैथल जिले में शुरू किया है इसी मॉडल की देखा-देखी इस तरह के केंद्र अन्य राज्यों जैसे की बिहार आदि में भी शुरू हो गए है। लुवास ने अब तक 8 पशु-विज्ञान केंद्र व 7 पशु रोग निदान प्रयोगशालाए पशुओं के जल्दी उपचार हेतू ...

23-02-2022: लुवास में पशुपालक सम्मेलन का आयोजन

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अंतर्गत विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा नाबार्ड के सौजन्य से आज महिला पशुपालक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती दीपा गुहा मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के रुप में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र निदेशक डॉ यशपाल शर्मा रहे, लुवास के कुलसचिव व अनुसंधान निदेशक डॉ. प्रवीन गोयल, पशुचिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. वी.के.जैन, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर डॉ. जगतबीर फोगाट, पूर्व विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एस. श्योकंद व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे । मुख्य अतिथि महाप्रबंधक नाबार्ड श्रीमती दीपा गुहा ने इस अवसर पर बताया कि नाबार्ड ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान में निरंतर कार्यरत है और ग्रामीण क्षेत्र के उत्थान के लिए महिलाओं का उत्थान अत्यंत आवश्यक है इसके लिए हम प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के साथ- साथ उन्हें विभिन्न उद्योगों को शुरू करवाने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करते हैं और महिला स्वंय सहायता समूह को भी बढ़ावा देते हैं और उन्हें आर्थिक सहायता के साथ- साथ उन्हें प्रशिक्षण एवं भ...

पशु चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. विनोद कुमार जैन ने किया एनिमल बायोटेक्नोलॉजी के 21 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ

 लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशुचिकित्सा कॉलेज के एनिमल बायोटेक विभाग द्वारा 26 मार्च से 15 अप्रैल तक ‘पेप्टाइड संश्लेषण और आणविक जीव विज्ञान में तकनीक" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के संयोजक डॉ. विनय जोशी ने बताया कि विभाग द्वारा अब तक 33 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके है जिनके द्वारा लगभग 400 वैज्ञानिक एवं शोध छात्रों को बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 13 वैज्ञानिक, जी.जे.यू., एम.डी.यू व लुवास द्वारा संचालित बाहरी केन्द्रों से वैज्ञानिक भाग ले रहे है। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. वी.के. जैन ने कहा कि आज के समय में बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में शोध की आवश्यकता बन चुकी है । उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रैक्टिकल ज्ञान होना बहुत आवश्यक है तथा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रैक्टिकल के लिए ज्यादा समय रखा गया है । उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्...