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लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुवास हिसार में 7 दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का समापन

लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुवास हिसार में 7 दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में 29 नवयुवकों व नवयुवतियों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में उत्तम पशुओं का चयन, नस्लों की जानकारी, पशु आवास प्रबंधन, संतुलित पशु आहार एवं खनिज मिश्रण खिलाने का महत्त्व, बीमारियों से बचाव, टीकाकरण का महत्व, कृत्रिम गर्भाधान और पशुओं के प्रजनन संबधित प्रमुख रोग, जीवाणु, विषाणु और परजीवी जनित रोग, संतुलित आहार का महत्व, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन में अधिक लाभ के विकल्प, बैंक द्वारा दी जाने वाली ऋण संबंधी योजनाओं  आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

समापन समारोह में डॉ. मनोज रोज, अधिष्ठता स्नातकोत्तर अध्ययन, मुख्य अतिथि तथा डॉ. धर्मबीर सिंह दहिया, विस्तार शिक्षा निदेशक, विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। डॉ. धर्मबीर सिंह दहिया ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पशुपालन उद्योग में मुनाफे की संभावना को बढ़ाने के लिए गाय और भैंसों की उत्तम नस्ल का चुनाव, उनकी देखभाल व रख-रखाव की बारीकियों के बारे में समझना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर पशु का उचित आहार प्रबंधन किया जाए तो उसकी प्रथम गर्भाधान की आयु को भी कम किया जा सकता है। नवजात बछड़े-बछड़ियों को जन्म के आधे घंटे के अंदर खीस पिलाना चाहिए और समय-समय पर उनको पेट के कीड़ों की दवाई दे देनी चाहिए। किसान भाईयों को इस बात को ध्यान रखना चाहिए कि कृमिनाशक दवाई बदल-बदल कर देनी चाहिए क्योंकि लगातार एक ही दवाई का सेवन करवाने से उस दवाई असर ज्यादा नहीं होगा। अगर हम पशुपालन और रख-रखाव से संबंधित वैज्ञानिक तरीकों को अपना लें तो किसान भाईयों की आमदनी को दोगुना होने से कोई नहीं रोक सकता।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. मनोज रोज ने प्रशिक्षणार्थियों को डेयरी को व्यवसाय के रूप में अपनाने पर बल दिया तथा बताया कि विस्तार शिक्षा निदेशालय के द्वारा दिए जाने वाले इस प्रशिक्षण में पशुपालकों को अपने व्यवसाय के लिए प्रेरित करने का कार्य बहुत ही निष्ठा से किया जा रहा है। उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों से अनुरोध किया कि राज्य में दुग्ध उत्पादन की बढ़ोतरी के लिए वे भी बढ़ चढ़ कर योगदान दे जो कि तभी संभव है जब वे हमारे द्वारा दिए गये प्रशिक्षण का अपने व्यवसाय को बढ़ाने में सदुपयोग करेंगे। हिसार में हो रहे समापन समारोह में 29 प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये।

संयोजक डाॅ. सरिता ने जानकारी दी कि विस्तार शिक्षा निदेशालय समय-समय पर मुर्गीपालन, सुअर पालन एवं भेड़-बकरी पालन से संबंधित प्रशिक्षण करवाता रहता है। प्रशिक्षण के इच्छुक पशुपालक 01662-289599 पर कॉल करके प्रशिक्षण से संबंधित जानकारी ले सकते है।

संयोजक डॉ. सज्जन सिंह ने समापन समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों तथा कर्मचारियों को धन्यवाद दिया तथा भविष्य में भी इसी प्रकार सहयोग की कामना की।

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