लुवास में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान में आयोजित की जा रही गतिविधियों में आज 8 अगस्त को तिरंगा पर एक कविता पाठ एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया
लुवास में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान में आयोजित की जा रही गतिविधियों में आज 8 अगस्त को तिरंगा पर एक कविता पाठ एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें की लुवास के पशुचिकित्सा महाविद्यालय एवं डेयरी साइंस एवं टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर एच.सी.एस. एवं पैरा ओलंपिक टोक्यो सुश्री एकता भ्यान द्वारा एक गेस्ट लेक्चर भी दिया गया जिससे की छात्रों में देशभक्ति की भावना प्रज्वलित हो सके ।
आज आयोजित दोनों प्रतियोगिता में विषय ‘तिरंगा- हमारे राष्ट्र की शान’ था । भाषण प्रतियोगिता में विजेताओं में बी.वी.एस.सी. फोर्थ ईयर छात्र अभिषेक चौहान प्रथम, बी.वी.एस.सी. सेकंड ईयर छात्र अन्शुला द्वितीय व बी.वी.एस.सी. थर्ड इयर छात्र आशीष तृतीय स्थान पर रहे । वहीं आयोजित कविता पाठ प्रतियोगिता में बी.वी.एस.सी. फोर्थ ईयर स्टूडेंट रमन मोर प्रथम, गर्वित द्वितीय व बी.वी.एस.सी. थर्ड ईयर की छात्रा कीर्ति तृतीय रही ।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि सुश्री एकता भ्यान का स्वागत करते हुए लुवास के कुलसचिव एवं पशुचिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. गुलशन नारंग ने कहा कि आज यह विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा की बात है कि एकता भ्याण जी हमारे बीच में है जिन्होंने अपने शारीरिक विकलांगता से पार पाकर न केवल ओलम्पिक में भारत का नाम रोशन किया अपितु इसके साथ –साथ ये हरियाणा प्रदेश की प्रशासनिक सेवा अधिकारी भी है जो हमें इस बात की प्रेरणा देते है कि हम अपनी कमियों पर ध्यान न देकर जो हमारी अच्छाईयां है यदि उन पर ध्यान दें तो जीवन में अच्छा किया जा सकता है । उन्होंने एकता जी का विश्वविद्यालय में पधारने पर अभिनन्दन किया तथा साथ- साथ उन्हें विश्वास दिलाया कि लुवास समय- समय पर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा जिससे की छात्रों, अध्यापकों एवं कर्मचारियों में देश के प्रति देश प्रेम की भावना पैदा हो एवं देश के प्रति अपने कर्तव्यों को वे बखूबी निभा सकें ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सुश्री एकता भ्याण ने कहा कि जरूरी नहीं है कि हर आदमी फौज में जाएं या स्पोर्ट्स के माध्यम से देश का नाम रोशन करें परन्तु जो हमारी छोटी- छोटी ड्यूटीज है जैसे कि ट्रैफिक रूल का पालन करना है और इस पर्यावरण के प्रति जो हमारे कर्तव्य है, इसके साथ- साथ महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढाने की बात है या जो इस समाज का वंचित तबका है हम उनकों सहयोग देकर ऊपर उठायें की ताकि वो भी देश की प्रगति में हमारे बराबर योगदान दे सकें इसके साथ- साथ उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी कमजोरियों पर नही अपनी ताकतों पर ध्यान देना होगा । उन्होंने वहां सभी से आह्वान किया कि ‘हर-घर तिरंगा’ अभियान केवल 11-14 अगस्त तक सीमित न रहकर यह हमारे दिलों में होना चाहिए कि हम तिरंगे के प्रति हमेशा सम्मान करें, राष्ट्र में देश प्रेम की भावना मजबूत करें, आपसी भाई-चारा कायम करें और इसके साथ-साथ अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन करें जिससे की हमारा राष्ट्र एक उन्नत राष्ट्र बन सके।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. धर्मबीर सिंह दहिया ने कहा कि आज का दिन बहुत शुभ दिन है जो कि हमारे बीच में एकता भ्यान जी जिन्होंने अपनी शारीरिक विकलांगता से पार पाके न केवल देश का नाम रोशन किया है अपितु वो एक अच्छी नौकरी पर भी तैनात है उन्होंने कहा कि तिरंगा इस देश के लिए शान की बात है और खासकर की फौज और जो स्पोर्ट्स पर्सन्स है जब ये मेडल जीतते है तो जब यह तिरंगा लहराते है तो पुरे देश का सीना गर्व से फूल जाता है । इसी प्रकार जब कोई फौजी शहीद होके घर आता है तो उसके घरवाले दुख भूलकर तिरंगे में लिपटे उसके शरीर को देख कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते है ।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. नेहा ठाकुर द्वारा किया गया अंत में डॉ. नेहा ठाकुर ने सभी विश्वविद्यालयों के अधिकारियों, विभागाध्यक्षों, सुश्री एकता भ्याण जी एवं सभागार में उपस्थित छात्रों एवं प्राध्यापकों एवं नॉन टीचिंग कर्मचारियों के प्रति आभार प्रकट किया कि वो हर-घर तिरंगा अभियान में भागीदार बन कर विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है