उत्तर भारत में राहत भरी खबर: हरियाणा की लुवास यूनिवर्सिटी को मिली लम्पी स्किन रोग के सैंपल जांच करने की अनुमति
29-08-2022
पशु चिकित्सा न्यूज़
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने प्रदेश भर में लम्पी स्किन डिजीज महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सैंपल की टेस्टिंग की अनुमति लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार को प्रदान कर दी है ।
गौरतलब है कि अभी लम्पी स्किन डिजीज की जांच के लिए सैंपल को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय उच्च रोग पशु रोग संस्थान, भोपाल प्रयोगशाला(आई.सी.ए.आर.-निषाद) में भेजे जाते थे जिसकी रिपोर्ट आने में 2-3 दिन का समय लगता था। लम्पी स्किन रोग के लिए परीक्षण सुविधाओं के विकेन्द्रीकरण की अवधारणा के साथ भारत सरकार ने लुवास को यह मंजूरी दी है ।
लुवास कुलपति प्रो डॉ. विनोद कुमार वर्मा ने लुवास को भारत सरकार द्वारा इस अनुमति प्रदान करने पर आभार प्रकट किया और कहा कि जिस प्रकार से यह रोग दिन-प्रतिदिन गोवंशों में फैल रहा है इसकी तुरंत रोकथाम जरूरी है जो कि इस जांच केंद्र के स्थापित होने से शीघ्र हो सकेगी। भारत सरकार के इस निर्देश से इस महामारी के प्रकोप को न सिर्फ हरियाणा प्रदेश बल्कि आसपास के साथ लगे हुए प्रदेशों में भी फैलने से रोका जा सकेगा।
लुवास के अनुसंधान निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने बताया की यह जांच करने की प्रक्रिया विश्वविद्यालय को अनुमति के रूप में सौंपी गई है, इसमें मुख्यतः जो गोवंश इस बीमारी की चपेट में या जिनमें इन बीमारी के लक्षण आ रहे हैं और जो पशुपालक अपने पशुओं की जांच करवाना चाहते हैं सभी को यह जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने आगे बताया कि लुवास में यह जांच पीसीआर व रियल टाइम पीसीआर से होगी। डॉ. जिंदल ने बताया की सभी तरह की जाँच संबंधी तैयारियां आई.सी.ए.आर.-निषाद मानकों के मध्यनजर रखते हुए की जा चुकी हैं। डॉ. जिंदल ने सभी पशुचिकित्सकों से अनुरोध किया कि पशुओं के जाँच के लिए सैम्पल विभागाध्यक्ष पशुचिकित्सा जन स्वास्थ्य एवं महामारी विभाग, लुवास में जमा करवा सकते है ।
लुवास भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भोपाल एवं संबंधित राज्य के पशुपालन विभाग के साथ परीक्षण रिपोर्ट साझा करेगा।