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26-09-2022: आर.पी.वी.टी. 2022 का परीक्षा परिणाम घोषितमेरिट में राकेश चौधरी एवं प्रवीण कुमार रहे प्रथम स्थान पर

बीकानेर, 26 सितम्बर। वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राजस्थान प्री-वेटरनरी टेस्ट 2022 का परीक्षा परिणाम सोमवार को घोषित कर दिया गया। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने प्रातः 10ः30 बजे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर आर.पी.वी.टी. का परिणाम ऑनलाइन जारी किया। आर.पी.वी.टी. समन्वयक प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि आर.पी.वी.टी. में शाहपुरा (जयपुर) के राकेश चौधरी ने 676 में से 509 अंक एवं सांचौर (जालौर) के प्रवीण कुमार ने 509 अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से प्रथम स्थान हासिल किया। मेरिट सूची में करौली के अरविन्द प्रजापत ने 496 अंक, नदबई (भरतपुर) के मनोज कुमार ने 494 अंक और बज्जु (बीकानेर) की नेहा में 489 अंक प्राप्त कर क्रमशः द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ स्थान हासिल किया। बी.वी.एस.सी. एण्ड ए.एच. स्नातक के प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु 11 सितम्बर 2022 को प्री-वेटरनरी टेस्ट का आयोजन किया गया था। समन्वयक प्रो. ए.पी. सिंह ने बताया कि प्रवेश के लिए काऊंसलिंग की तिथि की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। प्रत्येक अभ्यर्थी को काऊंसलिंग के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. जे.एस. मेहता, निदेशक अनुसंधान  प्रो. हेमन्त दाधीच, निदेशक प्रसार शिक्षा प्रो. आर.के. धूड़िया, निदेशक पी.एम.ई. प्रो. बसन्त बेस, निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृगी, परीक्षा नियंत्रक प्रो. उर्मिला पानू एवं आई.यू.एम.एस इन्चार्ज डॉ. अशोक डांगी उपस्थित रहे। परीक्षा परिणाम राजुवास की वेबसाइट www.rajuvas.org पर अभ्यर्थी अपने लॉगिन आई.डी. व पासवर्ड द्वारा डाउनलोड कर प्राप्त कर सकते है।

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15-03-2022: किसान मेले में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए

15-03-2022: आज चो. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेला ‘खरीफ’ में लुवास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे बहुत ख़ुशी है कि इस मेले में मुझे किसानों व पशुपालकों से बात करने का अवसर मिला अब की बार कृषि मेले का विषय प्राकृतिक खेती रखा गया गया जी कि समय की मांग है । पशुपालक अधिक उत्पादन के लिए रासायनिक कीटनाशक, रासायनिक खाद, हारमोंस व एंटीबायोटिक दवाओं का पशुओं एवं मुर्गी पालन में अनावश्यक प्रयोग कर रहे है । इससे हमारी पूरी भोजन श्रृंखला दूषित हो रही है । प्राकृतिक खाद तथा आर्युवेदिक दवाइयों का उपयोग करते हुए हम पशुपालन को इन हानिकारक रसायनों से मुक्त रखते हुए अपनी आमदनी बढ़ा सकते है।  पशुपालकों की ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए लुवास में सर्वप्रथम पशु विज्ञान केंद्र कैथल जिले में शुरू किया है इसी मॉडल की देखा-देखी इस तरह के केंद्र अन्य राज्यों जैसे की बिहार आदि में भी शुरू हो गए है। लुवास ने अब तक 8 पशु-विज्ञान केंद्र व 7 पशु रोग निदान प्रयोगशालाए पशुओं के जल्दी उपचार हेतू ...

23-02-2022: लुवास में पशुपालक सम्मेलन का आयोजन

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